पृथ्वी न ही गोल है और न ही अंडाकार, जानिए क्या है धरती का असल रूप?
Shape of Earth Geoid: आपको बता दें कि धरती के भूमध्य रेखा के चारों ओर का भाग उठा हुआ है. इसकी इक्वेटोरियल त्रिज्या 3,963.34 मील है, वहीं ध्रुवीय त्रिज्या 3,949.99 मील है. इसी से पता चलता है कि गोल नहीं है.

Newz Fast, New Delhi: कई लोगों को अब तक यही लगता है कि धरती गोल है, कुछ लोग इसे अंडाकार भी मानते हैं. कई किताबों में हमें यह लिखा हुआ भी मिल जाता है कि धरती गोल है लेकिन आपको बता दें कि पृथ्वी का सही आकार न ही गोल है और न ही अंडाकार.
पृथ्वी अनियमित आकार की दीर्घवृत्त (Irregularly Shaped Ellipsoid) या जीओड (Geoid) आकार की है. पृथ्वी गोल जरूर है लेकिन यह पूरी तरह गोल नहीं है क्योंकि इसका कुछ भाग कहीं से उठा हुआ है, वहीं कुछ भाग कहीं पर धंसा हुआ है.
वैज्ञानिक मानते हैं कि ऐसा गुरुत्वाकर्षण की वजह से हुआ है. आपको बता दें कि भूमध्य रेखा के चारों ओर का भाग उठा हुआ है. पृथ्वी की इक्वेटोरियल त्रिज्या 3,963.34 मील है, वहीं ध्रुवीय त्रिज्या 3,949.99 मील है. इसी से पता चलता है कि गोल नहीं है.
पांचवां सबसे बड़ा ग्रह
इस बात से हम सभी परीचित हैं कि अब तक स्पेस में ज्ञात पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है. पृथ्वी सौर मंडल का पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है. इसकी सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट है.
आमतौर पर हम कहते हैं कि धरती अपनी धूरी पर 24 घंटे में एक चक्कर पूरा कर लेती है जिसकी वजह से दिन और रात होते हैं लेकिन इसे अपनी धूरी पर एक चक्कर पूरा करने में केवल 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकंड का समय लगता है. 7 महाद्वीपों वाले धरती के पास केवल एक प्राकृतिक चंद्रमा है.
जान लें ये जरूरी बातें
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि धरती 4.5 बीलियन वर्ष पुरानी है. अगर आपको लगता है कि ये महाद्वीप पहले भी ऐसे ही थे तो बता दें कि करीब 20 करोड़ साल पहले धरती पर सिर्फ एक महाद्वीप था जिसे पैंजिया (Pangea) नाम से जाना जाता था और इस एक महाद्वीप के चारों ओर समंदर था जिसे पैंथलासा (Panthalasa) कहा जाता था.
गौरतलब है कि हर साल 22 अप्रैल को दुनियाभर में 'अर्थ डे' (Earth Day) यानी पृथ्वी दिवस मनाया जाता है जिसका मकसद लोगों के बीच पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ाना है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल करीब 192 देशों में यह दिन मनाया जाता है.