अब प्रदेश में ओपीएस की मांग ने पकड़ा जोर
पंजाब, हिमाचल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद अब हरियाणा में भी ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की मांग ने जोर पकड़ा है।

Newz Fast, New Delhi प्रदेश के पौने दो लाख कर्मचारियों ने अब आर पार की लड़ाई का एलान कर दिया है। किसी भी सूरत में अब कर्मचारी पीछे हटने के मूड में नहीं है।
सरकार के खिलाफ पंचकूला में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के बाद से यह मामला और गरमा गया है। कर्मचारियों के साथ अब विपक्षी दलों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
कांग्रेस और इनेलो ने ओपीएस का समर्थन किया है।नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार बनते है ही पहली कलम से ओपीएस ( पुरानी पेंशन योजना) को लागू किया जाएगा।
प्रदेश सरकार जानबूझकर इस मुद्दे से भाग रही है। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना सरकार का तानाशाही रवैया दिखाता है।
इसी प्रकार, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कर्मचारियों से बात करने की बजाए उनको आवाज को दबाने के लिए लाठीचार्ज करना गलत है। इससे सरकार की कर्मचारियों के प्रति सोच का पता चलता है।
इधर, इनेलो के प्रधान महासचिव और ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की। चौटाला ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं
और दोनों ही पर्टियों ने सत्ता में रहते कर्मचारियों के खिलाफ फैसले लिए हैं। 2003 में केंद्र की भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को केंद्र में बंद कर नई पेंशन स्कीम लागू कर दी थी।
तब हरियाणा प्रदेश में इनेलो की सरकार थी और चौ. ओम प्रकाश चौटाला प्रदेश के मुख्यमंत्री थे लेकिन उन्होंने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए
हरियाणा में नई पेंशन स्कीम लागू करने से मना कर दिया था। बाद में 2006 में कांग्रेस राज में ओपीएस को बंद किया गया और नई स्कीम लागू की गई।