Chanakya Niti- आप भी बनना चाहते हैं मुकदर के सिकंदर, अपनाया करें आचार्य चाणक्य की ये नीति

Chanakya Niti- चाणक्य की नीति फर्श पर पड़े व्यक्ति को भी अर्श तक पहुंचाने में मदद करती है। जीवन में अगर शांति और सुख पाना चाहते हो तो इन नीतियों को अपनी रोजाना जिंदगी में जरूर अपनाना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार गलत तरीके से कमाए हुए धन से व्यक्ति कभी भी संतुष्ट नहीं हो सकता। ईमानदारी से कमाया हुआ धन बना सकता है आपको मुकदर का सिकंदर।
समुद्र के पानी से ‘प्यास’ नहीं बुझती
नाम्भोधिस्तृष्णामपोहति।
अर्थ है:
जिस तरह समुद्र का पानी खारा होता है और उससे प्यास नहीं बुझाई जा सकती। कहने का तात्पर्य यह है कि पाप की कमाई से कोई भी व्यक्ति संतुष्ट नहीं रह सकता। जो संतुष्ट होने का दिखावा करते है।
वो अपने आपको धोखा देता है। इस प्रकार के व्यक्ति से दूर रहना ही उचित होता है।
सुधर नहीं सकते ‘दुष्ट’ व्यक्ति
बालुका अपि स्वगुणमाश्रयंते
अर्थ है:
जैसे बालू अपने रूखे स्वभाव को नहीं छोड़ सकती, उसी तरह दुष्ट व्यक्ति भी अपना स्वभाव नहीं छोड़ पाता। नीच व्यक्ति के द्वारा दिया गया धन, जन कल्याणार्थ नहीं होता।
क्योंकि उसमें जन कल्याण की सहज भावना नहीं होती। इस तरह का धन हमेशा गलत कार्यो के लिए ही इस्तेमाल होता है।