विज्ञापन से मिलने वाला राजस्व भारतीय मीडिया कंपनियों के साथ साझा करें गूगल, फेसबुक और यूट्यूब: सुशील मोदी
फेसबुक, गूगल और यूट्यूब जैसी दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों को विज्ञापन से मिलने वाले राजस्व का एक हिस्सा भारतीय मीडिया कंपनियों के साथ साझा करना चाहिए।

Newz Fast, New Delhi राज्यसभा में शुक्रवार को भाजपा सांसद सुशील मोदी ने भारत में भी ऐसा कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये प्रौद्योगिकी कंपनियां केवल समाचारों को साझा करने से कमाई कर रही हैं,
जबकि इन समाचारों की विषय वस्तु मूल रूप से भारतीय मीडिया कंपनियां करती हैं। शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए सुशील मोदी ने कहा कि भारतीय प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया संकट के दौर से गुजर रहा है,
क्योंकि विषय वस्तु तैयार करने के लिए संसाधनों पर वह करोड़ों रुपये खर्च करते हैं।
फेसबुक, गूगल जैसी कंपनियों को इस पर कोई खर्चा नहीं करना होता। बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रवेश के बाद समाचार पत्रों और टीवी चैनलों को विज्ञापन राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है।
सुशील मोदी ने कहा कि भारतीय मीडिया की आय का सबसे बड़ा स्रोत विज्ञापन है, लेकिन विज्ञापनों का 75 से अधिक हिस्सा बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों फेसबुक और गूगल के हिस्से में जा रहा है।
वर्ष 2021-22 में विज्ञापनों से गूगल इंडिया की आय 24,927 करोड़ रुपये थी, जबकि फेसबुक की कमाई 16,189 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने कानून बनाकर पारंपरिक मीडिया के हितों को सुरक्षित किया है। इसलिए हमें भी इस दिशा में कदम उठाना चाहिए।