जीजा साली पहले बनाते थे संबंध, फिर लोगों के साथ करते ये काम

Newz Fast, Bhopal: जीजा और साली दोनों ने मिलकर एक गिरोह बनाया था जो लोगों को ये आश्वासन देते थे कि वे उन्हे बहुत कम ब्याज दर पर लोन उपलब्ध करवा देंगे।
लोगों को अपनी बात पर विश्वास दिलाने के लिए गिरोह ने नोएडा में बकायदा अफना एक कॉल सेंटर भी बनाया हुआ था। ये लोगों को आश्वासन दिलाते थे की
अगर वे उनके जरिए लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो वे उन्हे कम ब्याज दर पर जल्दी लोन दिलवा देंगे। पुलिस ने इस गिरोह को भोपाल से गिरफ्तार किया है।
इस गिरोह के तीन लोग मुखिया, उसकी मंगेतर और मंगेतर की बहन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चौथा अभी फरार है।
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने बताया कि ये जरूरत मंद लोगों को अपनी वेबसाइट और कॉल सेंटर का भरोसा दिलाकर उन्हें झांसे में लेते थे और फिर सस्ता लोन दिलाने के नाम पर उनके साथ धोखाधड़ी करते थे।
भोपाल पुलिस ने इस गैंग के मास्टर माइंड डेविड कुमार जाटव, प्रबंधक मनीषा भट्ट,और नेहा भट्ट को हिरासत में ले लिया है।
ऐसे मिली जानकारी
भोपाल पुलिस ने बताया कि ये गैंग भोले-भाले जरूरत मंद लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाता था। एक युवक ने जब पुलिस को इस बात की शिकायत की
तब पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। पुलिस ने इस गैंग के सरगना डेविड कुमार जाटव से पूछताछ की तो उसने बताया कि
उसने ऑनलाइन वेबसाइट डिजाइन का कोर्स किया है और वेब सोल्यूशन नाम से आईटी कंपनी शुरू की, उसके बाद उसने फर्ज़ी काम शुरू कर दिए।
ग्राहकों को लोन देने के लिए वो लोगों को अपनी वेबसाइट का झांसा देता था और फिर उसका ऑनलाइन विज्ञापन गूगल ऐड में देता था।
गौतमबुद्ध नगर में था कॉलसेंटर
धोखाधड़ी के काम के लिए इस गैंग ने यूपी के नोएडा कॉल सेंटर खोल रखा था। इस कॉलसेंटर में 25-30 लड़कियां काम करती थीं
जिसके माध्यम से ये गैंग जरूरतमंद लोगों को फोन लगाकर पर्सनल लोन सस्ते ब्याज पर देने का लालच देता था। गैंग की सदस्य नेहा भट्ट साल 2018 से डेविड कुमार जाटव के साथ काम कर रही है
और उसी के साथ शादी करने वाली है। नेहा ही डेविड की फर्जी कंपनियों का मैनेजमेंट देखा करती थी। इस गैंग की तीसरी मेंबर मनीषा की बहन नेहा भट्ट है
वो कॉल सेंटर के मैनेजमेंट का काम देखती है। कल कश्यप इस गैंग का चौथा सदस्य है जो पुलिस की गिरफ्त से फरार है।
कमल का काम था ग्राहकों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी खातों में डालना और टीम को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध करवाना डेविड कुमार जाटव उसे ₹50000 प्रति फर्जी बैंक अकाउंट के आधार पर पेमेंट करता था।
10 हजार लोगों से 10 करोड़ रुपए ठगे
भोपाल पुलिस ने आगे बताया कि यह गैंग अपनी फर्जी वेबसाइट को लोगों तक पहुंचाने के लिए गूगल पर ऐड देता था।इसकी दिन भर की लागत 30 से ₹40000 हुआ करती थी।
कॉल सेंटर चलाने के लिए नोएडा में दो फ्लैट किराए पर ले रखे थे जिनका प्रतिमहीने डेढ़ लाख रुपये किराया दिया जाता था।
इस कॉलसेंटर में काम करने वाली लगभग 25- से 30 लड़कियों को 10 हजार से 15 हजार तक सैलिरी दी जाती थी। इन लड़कियों का काम प्रत्येक फोन करने वाले ग्राहक का रिकॉर्ड भी मेनटेन करना होता था।
ये रिकॉर्ड एक्सेल फाइलों में रखा जाता था जिनकी जांच करने पर इस बात का खुलासा हुआ है कि अब तक इस गैंग ने लगभग 10 हजार लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी की है।