चीन को बड़ा झटका देने की तैयारी में चीनी कंपनियां! भारत को मिल सकता है सबसे बड़ा फायदा

Newz Fast New Delhi इस कदम से चीनी फैसिलिटी से ज्यादातर मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट कम हो सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये सरकार की बड़ी जीत है.
ये पहली बार होगा कि चीनी स्मार्टफोन कंपनियां ग्लोबल प्रोडक्शन वॉल्यूम को भारत के साथ शेयर करेंगी. इससे पहले कंपनियां कई बार इसको रिजेक्ट कर चुकी थी.
अगर ऐसा होता है तो मानकर चला जा सकता है इसका असर कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग स्ट्रेटेजी शिफ्ट पर पर भी आने वाले समय में देखने को मिलेगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि शाओमी,
ओप्पो और वीवो ने भारत में निर्मित फोन का निर्यात शुरू करने की योजना बनाई है. आपको बता दें कि सैमसंग और ऐपल पहले से ही दूसरे मार्केट में भारत में बने फोन का निर्यात कर रहे हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि Xiaomi, Oppo और Vivo के भारत में बने फोन अफ्रीका, मध्य पूर्व, लैटिन अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों में बेचे जा सकते हैं. इसके अलावा पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश में फोन का निर्यात किया जा सकता है.
PLI स्कीम का भी मिलेगा फायदा
कोविड-19 और गलवान घाटी में हुए झड़प के बाद भारत में चीनी निवेश को हतोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों का परिणाम भी हो सकता है. स्मार्टफोन कंपनियों के लिए भारत में अपने निवेश को जारी रखना मुश्किल हो गया है.
सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम की वजह भी तीनों कंपनियां ये कदम उठा सकती हैं. इस स्कीम से लोकल मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को एडिशनल फायदा मिलता है. इसका फायदा ऐपल और सैमसंग को भी मिल रहा है.
रिपोर्ट में कई सोर्स का हवाला दिया गया है. इसमें बताया गया है कि शाओमी, ओप्पो और वीवो पर सरकार का बढ़ता दबाव भी काम आया. ऐसा भी माना जा रहा है कि लोकल मैन्युफैक्चरिंग फर्म जैसे Optiemus Infracom और Dixon की बातचीत इन चीनों कंपनियों से चल रही हो. फिलहाल इसको लेकर ज्यादा रिपोर्ट्स का इंतजार करना होगा.