Sirsa News:फर्जी फर्में बनाकर करोड़ों का जीएसटी रिफंड लेने वाले अमित बंसल की जमानत याचिका खारिज, नवंबर से जेल बंद है आरोपी
फर्जी फर्में बनाकर करोड़ों रुपये का रिफंड लेने के आरोपी अमित बंसल की जमानत याचिका जिला एवं सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी।

Newz Fast, Sirsa आरोपी ने 20 फरवरी को न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। आरोपी अमित बंसल को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार की टीम ने 19 नवंबर को उसके घर पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया था।
अमित बंसल के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो ने धोखाधड़ी सहित आईपीसी की अन्य आपराधिक धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
मामले के अनुसार 19 नवंबर 2022 को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने डीएसपी गौरव शर्मा के नेतृत्व में सिरसा के एफ ब्लॉक में कारोबारी पदम बंसल के घर पर छापा मारा था।
इस दौरान विजिलेंस ने पदम बंसल के पुत्र अमित बंसल को गिरफ्तार कर लिया। फर्जी फर्म मामले में अमित बंसल के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
इस मामले में आबकारी व कराधान विभाग के 6 अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है। डीएसपी गौरव शर्मा के मुताबिक सिरसा में मैसर्ज विशाल कार्पोरेशन के खिलाफ विजिलेंस थाने में केस दर्ज था।
इस मामले में अमित बंसल को गिरफ्तार किया गया। विजिलेंस को पता चला है कि सिरसा में फर्जी फर्म चलाने का खेल वर्ष 2010 से 2015 तक खूब चला।
आरोपियों ने करीब 27 फर्जी फर्म बनाकर 54 करोड़ रुपये तक रिफंड ले लिया। आरोपी फर्जी नाम पर फर्म बनाते, उसके बाद नकली बिल काटते और सरकार से जीएसटी रिफंड करवा लेते थे।
वहीं, 14 जनवरी को जिला नगर योजनाकार विभाग की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने फर्जी फर्मों के सरगना पदम बंसल की पुत्रवधू सुनीता पत्नी अमित बंसल के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
डीटीपी अधिकारी की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायत में खैरपुर के रकबा में अनाधिकृत कॉलोनी काटने का आरोप लगाया गया है।
फर्जी फर्मों के आरोपी पदम बंसल द्वारा अपनी पुत्रवधू सुनीता के नाम से दिल्ली पुल के निकट खरीदी गई प्रॉपर्टी को बेचा गया। यहां पर बकायदा कालोनी काट डाली गई।
जिला नगर योजनाकार विभाग के सहायक नगर योजनाकार रमनीक की ओर से सिविल लाइन थाना में शिकायत दाखिल की गई कि सुनीता बंसल पत्नी अमित बंसल की ओर से खैरपुर के रकबा में अवैध कालोनी काटी गई है।
यहां पर सड़क व गलियां बनाई जा रही है। डीटीपी विभाग की ओर से पुलिस को राजस्व रिकार्ड भी मुहैया करवाया गया है। साथ ही विभाग ने बेचे गए प्लाटों की सूची भी पुलिस को सौंपी।
देशभर में फैला है फर्जी फर्मों का जाल
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बता दें कि फर्जी फर्मों के सरगना पदम बंसल के खिलाफ काफी मामले दर्ज हो चुके है। उक्त आरोपी सरकार को अब तक करोड़ों का चूना लगा चुका है। आरोपी पदम बंसल काफी समय से फरार चल रहा है।
गौरतलब है कि फर्जी फर्मों का जाल यूं ही देशभर में नहीं फैला। यूं ही हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में देशभर में चौथे स्थान पर पहुंचा।
इसके पीछे आबकारी एवं कराधान विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों का पूरा योगदान रहा। इन भ्रष्ट अधिकारियों ने वेतन भले ही सरकारी खजाने से हासिल किया, लेकिन फर्जी फर्मों के सरगनाओं के लिए कार्य किया।
पग-पग पर इन्हें बचाने की कोशिश की। फर्जी फर्मों के मकडजाल को जितना तोड़ने की कोशिश की जाती है, उतने ही इसमें विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ रही है।
जांच करने पर पता चलता है कि पग-पग पर विभागीय के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने फर्जी फर्मों के सरगनाओं का बचाव किया।
अधिकतर मामलों को दबाया-छिपाया गया है
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जिला में भले ही फर्जी फर्मों के मामले में कई दर्जन एफआईआर दर्ज हो चुकी है। लेकिन यह संख्या तो हकीकत में बेहद मामूली है। चूंकि जितने मामले प्रकाश में आए है, उससे कहीं अधिक मामले अभी भी फाइलों में दफन है।
यदि अकेले सिरसा कार्यालय की ही विस्तृत जांच हों तो करोड़ों के खेल का पटाक्षेप हो सकता है। हकीकत तो यह है कि विभाग के ही अधिकारियों द्वारा जिन फर्मों का भंडाफोड़ किया जा चुका है, उनके खिलाफ भी मामले दर्ज नहीं करवाए गए। उन मामलों को भी आजतक दबाया-छिपाया गया है।